कहते हैं यू – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – १५

कहते हैं यू – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – १५


कहते हैं यू एक देस में, रहते जो कितने साधु थे।
वह दर्शनों के वास्ते जब द्वारिका जी को चले॥
आ पहुंचे उस गारी में जब, नरसी जहां थे हित भरे।
उतरे खु़शी से आन कर, और वां कई दिन तक रहे॥
पूजा भजन करने लगे, साधुओं के जो अतवार हैं॥१५॥


राम कृष्ण हरी आपणास या अभंगाचा अर्थ माहित असेल तर खालील कंमेंट बॉक्स मध्ये कळवा.

कहते हैं यू – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – १५