जिस मन हरन महबूब से, मन की लगाई चाह है।
सब लेन की और देन की, उनको उसी से राह है॥
जो दिल की लेखन से लिखा, उससे वही आगाह है।
उनको उसी से साख है, उनकी वही एक राह है॥
कौड़ी से लेकर लाख तक, उनके वही व्योपार हैं॥१०॥
राम कृष्ण हरी आपणास या अभंगाचा अर्थ माहित असेल तर खालील कंमेंट बॉक्स मध्ये कळवा.