नरसी की सांवल – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – ३३
मन में जो – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – ३२
जब साधु मिलने – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – ३१
वह साधु अपने – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – ३०
अब जो मिलोगे – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – २९
यह कहके हुंडी – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – २८
वह साधु देख – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – २७
बे आस होकर – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – २६
बर्फ़ी, जलेबी – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – २५
नरसी ने वह – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – २४
लोगों ने जाना – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – २३
यह बात सुनकर – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – २२
जाकर लिखाओ – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – २१
नरसी ने – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – २०
वह साधु क्या – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – १९
कितने जो – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – १८
लोगों से जब – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – १७
वह साधु जो – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – १६
कहते हैं यू – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – १५
दिन रात की – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – १४
सब तज दिया – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – १३
जूं जूं बढ़ा – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – १२
इस भेद का – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – ११
जिस मन हरन – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – १०