तुझीं वर्में आम्हां ठावीं – संत कान्होबा अभंग – १३
नामें दोष जळती – संत कान्होपात्रा अभंग
पतित पावन ह्मणविसी आधी – संत कान्होपात्रा अभंग
सर्व सुखाचे जें निजसुखाचें सार गे माय – संत कान्होपात्रा अभंग
जन्मांतरीचें सुकृत आजी फळांसी आलें – संत कान्होपात्रा अभंग
विषयाचे संगतीं – संत कान्होपात्रा अभंग
हरीहर बह्मादिक – संत कान्होपात्रा अभंग
ज्ञान वैराग्य भजलीं न तुमतें – संत कान्होपात्रा अभंग
कनवाळू कृपाळू तूं माय माऊली – संत कान्होपात्रा अभंग
विठू दीनांचा दयाळ – संत कान्होपात्रा अभंग
ज्यांचे घेतां मुखीं नाम – संत कान्होपात्रा अभंग
अंबऋषीसाठी – संत कान्होपात्रा अभंग
माझ्या जीवींचे जीवन – संत कान्होपात्रा अभंग
पतित तूं पावना – संत कान्होपात्रा अभंग
अगावैकुंठींच्या राया – संत कान्होपात्रा अभंग
सकळही सुरवर येथेंची लाधले – संत कान्होपात्रा अभंग
शिव तो निवृत्ति विष्णु ज्ञानदेव पाही – संत कान्होपात्रा अभंग
आलंकापुरी पुण्यठाव – संत कान्होपात्रा अभंग
योग याग तपे करिता भागली – संत कान्होपात्रा अभंग
घ्या रे घ्या मुखी नाम – संत कान्होपात्रा अभंग
नको देवराया अंत आता पाहू – संत कान्होपात्रा अभंग
माझे माहेर पंढरी – संत कान्होपात्रा अभंग
जीवीचे जिवलगे माझे कृष्णाई कान्हाई – संत कान्होपात्रा अभंग
वर्म वैरियाचे हाती – संत कान्होपात्रा अभंग