आषाढी एकादशी – संत जनाबाई अभंग – २१२
ज्ञानेश्वर म्हणे नाम्यासवें – संत जनाबाई अभंग – २११
वारा पाणी मुसळ धारा – संत जनाबाई अभंग – २१०
वोढिला ताडिला – संत जनाबाई अभंग – २०९
सण दिवाळीचा आला – संत जनाबाई अभंग – २०८
पूर आला पंढरीसी – संत जनाबाई अभंग – २०७
मागें सत झाले – संत जनाबाई अभंग – २०६
सुंबाचा करदोडा रकटयाची – संत जनाबाई अभंग – २०५
गोणाई राजाई – संत जनाबाई अभंग – २०४
गोणाई राजाई दोघी – संत जनाबाई अभंग – २०३
गोणाईने नवस केला – संत जनाबाई अभंग – २०२
सेना न्हावी भक्त भला – संत जनाबाई अभंग – २०१
शालिवाहन शके अक्राशें – संत जनाबाई अभंग – २००
नामयाचा गुरु – संत जनाबाई अभंग – १९९
सोपानाची ऐशी मूर्ति – संत जनाबाई अभंग – १९८
सदाशिवाचा अवतार – संत जनाबाई अभंग – १९६
ज्ञानेश्वर अभंग बोलिले – संत जनाबाई अभंग – १९५
संत राउळा चालिले – संत जनाबाई अभंग – १९४
मायेहूनि माय मानी – संत जनाबाई अभंग – १९३
ज्ञानाचा सागर – संत जनाबाई अभंग – १९२
गीतेवरी आन टीका – संत जनाबाई अभंग – १९१
भाव अक्षराची गांठी – संत जनाबाई अभंग – १९०
एकच टाळी झाली – संत जनाबाई अभंग – १८९
असो थोरथोरांची मात – संत जनाबाई अभंग – १८८