अहो श्रीराम पतीतपावना – संत भानुदास अभंग करूणा – ७०
दीन आम्हीं रंक – संत भानुदास अभंग करूणा – ६९
अनाथाचा नाथ भक्तांचा – संत भानुदास अभंग करूणा – ६८
पतित म्हणोनि जाहलों – संत भानुदास अभंग करूणा – ६७
दीनबंधु ब्रीद भले – संत भानुदास अभंग करूणा – ६६
कोठवरी धांवा करुं – संत भानुदास अभंग करूणा – ६५
मज निरविलें कोनाचिये – संत भानुदास अभंग करूणा – ६४
देवा कोठवरीं अंत – संत भानुदास अभंग करूणा – ६३
ऐसियासी कृपा करावी – संत भानुदास अभंग करूणा – ६२
अधोगती आम्हीं जावें – संत भानुदास अभंग करूणा – ६१
चंचळ हें मन नावरे – संत भानुदास अभंग करूणा – ६०
तुम्हीं कराल जें – संत भानुदास अभंग करूणा – ५९
अगा पंढरिनाथा ऐसें – संत भानुदास अभंग करूणा – ५८
जैं आकाश वर – संत भानुदास अभंग करूणा – ५७
नको फिरूं रानीं – संत भानुदास अभंग मुमुक्षूसबोध – ५६
भाबांवसी कां रे – संत भानुदास अभंग मुमुक्षूसबोध – ५५
साधनाच्या आटी नको – संत भानुदास अभंग मुमुक्षूसबोध – ५४
आशेचिया सोसें गुंतसी – संत भानुदास अभंग मुमुक्षूसबोध – ५३
कामाचिया सोसें – संत भानुदास अभंग मुमुक्षूसबोध – ५२
योगाचिया आटी नको – संत भानुदास अभंग मुमुक्षूसबोध – ५१
मनासी करीं पां रे बोध – संत भानुदास अभंग मुमुक्षूसबोध – ५०
ये संसारी बहूता वाटा – संत भानुदास अभंग मुमुक्षूसबोध – ४९
कल्पना अविद्या सांदोनिया – संत भानुदास अभंग रामनाममहिमा – ४८
शरणागत जाहलिया – संत भानुदास अभंग रामनाममहिमा – ४७