अनुतापें दोष – संत तुकाराम अभंग – 368
मुसावले अंग – संत तुकाराम अभंग – 367
तुटे भवरोग – संत तुकाराम अभंग – 366
विचारावांचून – संत तुकाराम अभंग – 365
वचनें ही नाड – संत तुकाराम अभंग – 364
एकांचीं उत्तरें – संत तुकाराम अभंग – 363
न संडवे अन्न – संत तुकाराम अभंग – 362
नये जरी कांहीं – संत तुकाराम अभंग – 361
नसे तरी मनी नसो – संत तुकाराम अभंग – 360
जें जें जेथें पावे – संत तुकाराम अभंग – 359
करावें चिंतन – संत तुकाराम अभंग – 358
सत्य तो आवडे – संत तुकाराम अभंग – 357
सत्य साचे खरें – संत तुकाराम अभंग – 356
नाहीं साजत हो मोठा – संत तुकाराम अभंग – 355
भवसिंधूचें काय कोडें – संत तुकाराम अभंग – 354
नामपाठ मुक्ताफळांच्या ओवणी – संत तुकाराम अभंग – 353
मोक्ष तुमचा देवा – संत तुकाराम अभंग – 352
सांठविला हरी – संत तुकाराम अभंग – 351
होईन भिकारी – संत तुकाराम अभंग – 350
बोल बोलतां वाटे सोपें – संत तुकाराम अभंग – 349
तेंही नव्हे जें करितां कांहीं – संत तुकाराम अभंग – 348
काय दरा करील वन – संत तुकाराम अभंग – 347
ब्रम्ह न लिंपे त्या मळें – संत तुकाराम अभंग – 346
मन वोळी मना – संत तुकाराम अभंग – 345