अगा पंढरिनाथा ऐसें – संत भानुदास अभंग करूणा – ५८
जैं आकाश वर – संत भानुदास अभंग करूणा – ५७
जालों म्हणती त्याचें – संत तुकाराम अभंग – ११९०
नको फिरूं रानीं – संत भानुदास अभंग मुमुक्षूसबोध – ५६
भाबांवसी कां रे – संत भानुदास अभंग मुमुक्षूसबोध – ५५
लटिकें हासें – संत तुकाराम अभंग – 1189
साधनाच्या आटी नको – संत भानुदास अभंग मुमुक्षूसबोध – ५४
आशेचिया सोसें गुंतसी – संत भानुदास अभंग मुमुक्षूसबोध – ५३
लागोनियां पायां – संत तुकाराम अभंग – 1188
कामाचिया सोसें – संत भानुदास अभंग मुमुक्षूसबोध – ५२
योगाचिया आटी नको – संत भानुदास अभंग मुमुक्षूसबोध – ५१
दुडीवरी दुडी – संत तुकाराम अभंग – 1187
पापाची मी राशी – संत तुकाराम अभंग – 1186
मनासी करीं पां रे बोध – संत भानुदास अभंग मुमुक्षूसबोध – ५०
ये संसारी बहूता वाटा – संत भानुदास अभंग मुमुक्षूसबोध – ४९
कल्पना अविद्या सांदोनिया – संत भानुदास अभंग रामनाममहिमा – ४८
शरणागत जाहलिया – संत भानुदास अभंग रामनाममहिमा – ४७
पशुपक्षी श्वापद कीटक – संत भानुदास अभंग रामनाममहिमा – ४६
बैसोनी अनुष्ठान रामनाम – संत भानुदास अभंग रामनाममहिमा – ४५
भवसिंधू तरावया सोपें – संत भानुदास अभंग रामनाममहिमा – ४४
तुज घालोनियां पूजितों – संत तुकाराम अभंग – 1185
श्रीराम आम्हां सोयरा – संत भानुदास अभंग रामनाममहिमा – ४३
तारक नाम सोपें – संत भानुदास अभंग नाममहिमा – ४२
चार युगांमांजीं पावन – संत भानुदास अभंग नाममहिमा – ४१